मजाकिया

(18)
  • 291
  • 90

गाँव का नाम था बड़गाँव और उस गाँव की सबसे हल्की चीज़ थी वहाँ की हवा… और सबसे भारी चीज़ मज़ाकिया की बातें। मज़ाकिया, यानी गोवर्धन,नाम तो गोवर्धन रखा गया था, लेकिन किसी ने वो नाम कभी पुकारा नहीं।बचपन से ही कुछ ऐसा कि जब लोग रोते, वह हँसता था। जब लोग चुप रहते, वह कुछ ऐसा कह देता कि सब लोटपोट हो जाते।उसकी माँ कहा करती थी, “इस लड़के का तो जनम ही मज़ाक में हुआ है… प्रसव पीड़ा में डॉक्टर आया ही नहीं, और ये खुद ही बोल उठा, ‘चिंता मत करो, मैं बाहर आ ही रहा हूँ!’”पाँच