THE ULTIMATE SYSTEM - 4

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शिवा की जिंदगी अब हर दिन कुछ नया लेकर आती थी स्कूल की सुबह अब पहले जैसी थकी थकी नहीं लगती थी बल्कि एक नई ऊर्जा से भरी होती थी उस दिन वह क्लास में गया तो सबसे पहली बेंच पर जाकर बैठ गया जहाँ पहले उसे बैठने से डर लगता था क्योंकि वहाँ केवल तेज लड़के बैठते थेजिया ने उसे देखा और मुस्कराकर कहा आज तो मिजाज बड़े बदले बदले लग रहे हैं शिवा ने कहा हां अब मुझे समझ आ गया है कि मुझे खुद को बदलना होगा तभी मैं कुछ कर पाऊंगा जिया ने कहा मुझे खुशी