गाँव के छोटे से घर में रहने वाला अर्जुन बचपन से ही कुछ बड़ा करने का सपना देखा करता था। उसके पापा किसान थे और माँ घर संभालती थी। अर्जुन जब भी खेतों में काम करता, उसकी आँखों में एक अलग ही चमक होती। वो जानता था कि उसकी मंज़िल खेत नहीं, कुछ और है — कुछ बड़ा, कुछ ऐसा जो सिर्फ़ सपने में देखा जाता है।एक दिन स्कूल में मास्टर जी ने पूछा, "बड़े होकर क्या बनना है?"क्लास में सबने जवाब दिया – कोई डॉक्टर, कोई टीचर, कोई पुलिस।जब अर्जुन की बारी आई, तो उसने कहा –"मैं साइबर सुरक्षा