सुबह की पहली किरण खिड़की से छनकर कमरे में आई, तो शिवा की नींद टूटी। आंखें खोलते ही उसने खुद को पहले से कहीं ज़्यादा तरोताज़ा महसूस किया। उसके मन में एक नई ऊर्जा थी, जैसे किसी नए युग की शुरुआत हो चुकी हो। Ultimate System अब उसका हिस्सा बन चुका था और शिवा जान चुका था कि उसकी ज़िंदगी अब पहले जैसी नहीं रहेगी।उसने जल्दी से बिस्तर छोड़ा और बाथरूम की ओर बढ़ गया। सिया अभी तक सो रही थी, और माँ काव्या किचन में नाश्ता बना रही थीं। किचन से आने वाली हल्दी और प्याज की महक पूरे