आत्मसम्मान की कीमत

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कहानी का शीर्षक: आत्मसम्मान की कीमतलेखक: विजय शर्मा एरीशब्द संख्या: ~2000---प्रस्तावनाआत्मसम्मान—एक ऐसा शब्द जो सुनने में छोटा लगता है, लेकिन इसके टूटने की आवाज़ आत्मा तक को झकझोर देती है। यह कहानी एक ऐसी महिला की है जिसने गरीबी, तानों और अपमानों के बीच भी अपने आत्मसम्मान को कभी नहीं बेचा।---पहला भाग: राधा की दुनियाउत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाँव “नयागांव” में रहने वाली राधा एक साधारण महिला थी। उम्र कोई पैंतीस साल होगी। वह विधवा थी, उसके दो छोटे बच्चे थे—आरव और प्रिया। पति को गुज़रे हुए पाँच साल हो चुके थे। उसने कभी किसी से सहायता नहीं