फर्श के नीचे जो सांसें आती हैं

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--- फर्श के नीचे जो सांसें आती हैं(एक ख़ौफ़नाक हॉरर कहानी)---“मैंने जब पहली बार वो आवाज़ सुनी… लगा जैसे कोई बहुत पास है… लेकिन दिखता कुछ नहीं था… वो आवाज़… सांस लेने की थी… बहुत भारी, बहुत धीमी… जैसे मौत फर्श के नीचे दुबकी हो।”--- एक सुनसान जगह, एक पुराना बंगलाअर्जुन और सुरभि, एक नवविवाहित जोड़ा, मुंबई से दूर एक पहाड़ी कस्बे "कालागढ़" में शिफ्ट हुआ था।उन्हें एक पुराना, बहुत ही सस्ता बंगला मिला — 1921 में बना, चारों तरफ जंगल, और अंदर एक अजीब सी सर्द हवा।एजेंट ने कहा था:"बस एक बात ध्यान रखना — नीचे के स्टोररूम का फर्श मत