अभी हाल में ही जहाँ एकतरफ मुंबई उच्च न्यायलय ने मुंबई 2006 धमाकों के अभियुक्तों को बरी कर दिया वहीँ दूसरी तरफ एन.आई.ऐ कोर्ट ने मालेगांव 2008 धमाकों के अभियुक्तों को बरी कर दिया| चंद दिनों के अंतराल पर आये इन आदेशों में एक विचित्र समीकरण भी दिखता है और विचित्र समानता भी| समीकरण ये कि 2006 धमाकों के आदेश में रिहा हुए अभियुक्त मुस्लिम हैं और 2008 धमाकों के आदेश में रिहा हुए अभियुक्त हिन्दू हैं| एक तरफ जहाँ देश को इस्लामिक आतंकवाद का भय दिखाकर मुस्लिम अभियुक्तों को जबरदस्ती केस में फंसाये जाने के आरोप लग रहे हैं