पिछली बार आपने पढ़ा हुआ था:श्रेयांस ने उस रहस्यमयी किताब को छुआ और उसका लहू जैसे ही किताब पर गिरा, एक पुरानी दीवार अचानक दरवाज़े में बदल गई। वो ‘पहला द्वार’ खुला — और वो एक गुफा जैसी सुरंग में जा पहुंचा। वहाँ उसकी मुलाकात हुई एक बूढ़े साधु से, जो उसकी पहचान पहले से जानता था...अब आगे:तू आ ही गया…बूढ़े साधु ने अपनी धुँधली आँखें उठाईं और श्रेयांस की तरफ देखा।आप मुझे जानते हैं? श्रेयांस ने हैरानी से पूछा।साधु ने सिर हिलाया मैं तुझे तब से जानता हूँ, जब तू इस दुनिया में आया भी नहीं था।श्रेयांस सन्न रह