सच का आईना - 2

  • 63

यह कहानी केवल सामाजिक सच्चाई को दर्शाने के लिए लिखी गई है। इसका मक़सद किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचाना नहीं है।गाँव की एक यह भी सच्चाई है — अगर किसी को नीचा या ज़लील न किया जाए तो वह कुछ कर ही नहीं पाएगा।गाँव में एक लड़का था, सीधा-सादा, मेहनती, अपनी दुनिया में मग्न। वह हमेशा सबकी मदद करता, सबका सम्मान करता और खुद अपने सपनों को लेकर बहुत गंभीर था। लेकिन गाँव के कुछ लोग हमेशा उसे नीचा दिखाते, उसके कामों का मज़ाक उड़ाते और उसके आत्मसम्मान को चोट पहुँचाते।वो कहावत है न — “जब तक इंसान के