कंचन अम्मा किसने बनायी चले जाने की रीत रे....दुःख चले साथ साथ सुख चले पीछे रे....गीत के कितने गहरे अर्थ है. जीवन के गूण रहस्य छिपे है इस गीत में, जीवन से कब, कौन, कैसे, चला जायेगा यह कोई नहीं जानता. पीछे छूट जाता है उस व्यक्ति से जुड़ा आपका लगाव जो रह रहकर आपको उसकी याद दिलाता है. कोई कितनी भी कोशिश कर ले उस व्यक्ति की अच्छी यादों को याद करने की लेकिन याद उससे जुड़ी केवल दुःख की बातें ही आती है. उसका दुःख, उसकी तकलीफ, ही याद आती है जो आपको भी हमेशा दुःख