स्थान: पुराने जंगल का मकान, दिन के लगभग 1 बजे। आसमान में अब भी बादल छाए हुए हैं। हवा में नमी और तनाव दोनों महसूस होते हैं।राज, जिसने अभी-अभी उस बूढ़े आदमी के कुत्ते को मार डाला है, अब पूरी तरह से नियंत्रण खो चुका है। उसकी आंखों में पागलपन नाच रहा है, और शरीर पर खून की लकीरें हैं। वो हँस रहा है — एक डरावनी, पागलपन भरी हँसी।राज खुद को चाकू से खरोंचता है। खून टपक रहा है, पर उसे कोई परवाह नहीं।राज (पागल हँसी के साथ): "अब आराम मिलेगा... हाहाहा... देखो! देखो! सब खत्म कर दिया!"जॉय (जमीन