ग्रंथ:स्त्री – अधूरे ईश्वर की अधूरी कथा लेखक: 𝓐𝓰𝔂𝓪𝓽 𝓐𝓰𝔂𝓪𝓷𝓲> स्त्री को न समझकर, पुरुष ने ईश्वर को कल्पना में गढ़ा।और वही कल्पना आज तक “सत्य” कहलाती है।यह ग्रंथ उस मौन स्त्री को समर्पित है —जो कहीं नहीं लिखी गई, लेकिन सब कुछ रचती रही। 1–10: स्त्री को न समझना – ईश्वर को अधूरा जानना1. ईश्वर की कल्पना वहाँ से शुरू हुई जहाँ स्त्री को छोड़ा गया।2. आधे ब्रह्मांड को छोड़कर बनाई गई खोज — पूर्ण कैसे हो सकती थी?3. स्त्री को त्यागकर जो ध्यान गया — वह ईश्वर नहीं, एक सूखा आकाश था।4. जिसने माँ को नहीं जाना