नेहरू फाइल्स - भूल-73

भूल-73 पुराने ‘अच्छे’ दिनों में भ्रष्टाचार “भ्रष्टाचार वेश्यावृत्ति से भी बदतर है। वेश्यावृत्ति करनेवाला सिर्फ व्यक्ति की नैतिकता को खतरे में डाल सकता है, जबकि भ्रष्टाचारी तो पूरे देश की नैतिकता को खतरे में डालता है।” —कार्लक्रॉस, उन्नीसवीं शताब्दी के व्यंग्यकार नेहरू ने कभी भी कांग्रेस या फिर अन्य कामों के लिए धन जुटाने के लिए दूसरों के हाथों को गंदे होने देने से गुरेज नहीं किया। उनके लिए कांग्रेस और खुद के लिए सत्ता अधिक महत्त्वपूर्ण थी। नेहरू ने अपने प्रधानमंत्रित्व काल की शुरुआत से ही भ्रष्टाचार के प्रति एक उदासीन और लापरवाही का रुख अपनाया। सन् 1948 के कांग्रेस अधिवेशन में ‘सार्वजनिक आचरण