सिंहासन - 1

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अध्याय 1 – रहस्यमयी दस्तावेज़जयपुर की एक पुरानी लाइब्रेरी में, किताबों की धूल भरी अलमारियों के बीच, इतिहास के शोधकर्ता आरव मल्होत्रा को एक फटी-पुरानी डायरी मिली। वह रोज़ाना किसी नए राज की खोज में आता था, लेकिन इस दिन कुछ अलग था।डायरी की जिल्द पर लिखा था –"राजा अजयसिंह देव की निजी डायरी – 1781"आरव का दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। उसने उत्सुकता से पहला पन्ना खोला:> "जिसने सिंहासन का रहस्य जान लिया, वह या तो अमर होगा… या अगले सूर्यास्त से पहले मर जाएगा।"– अजयसिंह देवआरव रुक गया। यह कोई साधारण ऐतिहासिक दस्तावेज़ नहीं था – यह