गुनाहों की सजा - भाग 9

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शोभा और रीतेश की बातें सुनकर माही समझ गई कि यदि जल्दी ही उसने मकान इन लोगों को नहीं दिलवाया, तो वे उसे या उसके भाई किसी को भी ख़त्म करवा देंगे। आज रीतेश का लालच और हैवानियत देखकर माही ने अपने आपको एक नए युद्ध के लिए तैयार करने का मन बना लिया। वह इस ज़माने की पढ़ी-लिखी बहादुर लड़की थी। उसने भी कमर कस ली थी कि वह उनके इरादों को चकनाचूर कर देगी। लेकिन कैसे...? यह विचार उलझे हुए धागे की तरह गुत्थी बनकर उसके दिमाग़ में घूम रहा था। वह कई तरह से सोचती, पर फिर