जब त्रिशा के माता- पिता ने अपनी बेटी के साथ ऐसा होता देखा तो उन्हें बहुत बुरा लगा।त्रिशा के आने के बाद उसके माता- पिता की जिंदगी पूरी हो चुकी थी और अब उन्हें कुछ और ना चाहिए था। अब तो बस वह अपनी बेटी के भविष्य को संवारना चाहते थे। इसलिए उन्होनें कभी दूसरी संतान के बारे में कुछ सोचा ही ना था। पर अपनी मां की जिद के आगे वह इस पर सोचने को मजबूर हो गए और उनके इस प्रकार के व्यवहार के आगे वे दूसरी संतान के लिए राजी हो गए। जब कल्पेश की मां को उनके दूसरे बच्चे