भूल-61 अवैध धर्म-परिवर्तन को नजरअंदाज करना “मेरे लिए धर्मांतरण के विचार के साथ सामंजस्य बैठाना बिल्कुल असंभव है, विशेषकर भारत और अन्य सभी जगहों पर उनकी जो शैली चल रही है, उसे देखने के बाद। यह एक ऐसी त्रुटि है, जो शायद दुनिया में शांति की दिशा में आगे बढ़ने के रास्ते की सबसे बड़ी बाधा है। आखिर क्यों एक ईसाई किसी हिंदू को ईसाई धर्म में परिवर्तित करना चाहेगा? अगर हिंदू अच्छा है या फिर धर्मात्मा है तो उसे संतुष्ट क्यों नहीं होना चाहिए?” —महात्मा गांधी, ‘हरिजन’, 30 जनवरी, 1937 फिर क्यों गांधी ने भारतीय संविधान में या तो धर्मांतरण पर प्रतिबंध लगाने