सुंदरी - 1

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एक कलाकार कच्ची पगडंडी पर अपने हाथ में एक पन्ना और पेन लिए झूलता हुआ जा रहा था की अचानक एक सुन्दर लड़की उसे पास आती दिखी I वह उसे देखकर बिलकुल सममोहित हों उठा और लम्बी लम्बी साँसे लेते हुए उसके करीब जा पहुँच.. वह सांसे इस कद्र लें रहा था जैसे जेस्मिन फूल की पंखुड़ी को सूंघ रहा हों.. वह एक और सांस भीतर खिंचते हुए उसके बिलकुल करीब जा पहुँचा..."ये कागज़, क़लम क्या, अगर मेरे पास केनवास ब्रश भी होते तो मैं आपकी सुंदरता को नहीं दर्शा पाता। आपके मनमोहक चेहरे ने मेरे हृदय को मोह लिया _ यह कहानी अब आपकी बहुत दिनों से अपने साथ लिए घूम रहा था..I यह अब आपकी दिनचर्या में शामिल है I मुझे बहुत ख़ुशी हुई की आप इसे पढ़ रहे हैँ.. हों सके तो समीक्षा भी लिखें I मूझे प्रोत्साहन मिलेगा I अगला हिस्सा जल्द ही I