भूल-46 एक प्रकार से सन् 1965 के युद्ध के लिए भी जिम्मेदार किसी बाहरी हमले की स्थिति में सहायता के लिए शक्तिशाली देशों के साथ संधि की कमी (‘गुटनिरपेक्षता’ की नेहरूवादी नीति (प्रिय सिद्धांत) के नतीजतन वे अपने ही राष्ट्रीय सुरक्षा हितों से दूर हो गए। भूल#57), 1962 के युद्ध में इसका खराब प्रदर्शन, द्वितीय विश्व युद्ध के अप्रचलित हथियारों पर इसकी निरंतर निर्भरता की सच्चाई, आधुनिक सैन्य सामग्री को हासिल करने में इसकी समग्र कमी और 1962 के युद्ध के बाद खुद को मजबूत करने के नाकाफी प्रयासों ने पाकिस्तान को मौके का फायदा उठाने और 1965 में सेना के दम