भूल-44परमाणु हथियारों को नेहरू की ‘ना’ अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉन एफ. केनेडी भारतीय लोकतंत्र के बहुत बड़े प्रशंसक थे और जब उन्हें इस बात का पता चला कि चीन जल्द ही परमाणु उपकरण का विस्फोट करने जा रहा है, तब वे यह चाहते थे कि वह भारत जैसा एक लोकतांत्रिक देश होना चाहिए, जिसके पास परमाणु क्षमता हो, न कि चीन जैसा कम्युनिस्ट देश। केनेडी प्रशासन भारत को परमाणु निवारण हेतु मदद करने को तैयार था। लेकिन नेहरू ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। वर्तमान में, भारत ‘परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह’ (एन.एस.जी.) का सदस्य बनने के लिए विभिन्न देशों का समर्थन