नेहरू फाइल्स - भूल-37

भूल-37 रक्षा और बाह्य‍ सुरक्षा की आपराधिक उपेक्षा “खतरे को पहले ही भाँप लेनेवाले या फिर अपनी खुद की भलाई की इच्छा करनेवाले बुद्धिमान व्यक्ति को खतरे के शुरू होने से पहले ही अपनी रक्षा की योजना बना लेनी चाहिए।” —श्रीराम से लक्ष्मण “भारत ने अगर (वीर) सावरकर की सुनी होती और सैन्यीकरण की नीति अपनाई होती तो आज हमें हार का सामना नहीं करना पड़ता।” —जनरल करियप्पा 1962 के भारत-चीन युद्ध पर (टी.डब्‍ल्यू.8) “युद्ध की कला किसी भी राष्ट्र के लिए बेहद महत्त्वपूर्ण होती है। यह जीवन और मृत्यु का मामला होता है; एक ऐसा रास्ता, जो सुरक्षा या फिर बरबादी— दोनों की ओर ले जा