कलंक

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“ हाँथ पैर बांधो इसके और खूब मारो “, मारकर फांसी के फंदे में लटका दो इसे “ “ जीते जी कभी घर आ न जाना “ ,,,,, यह महज शब्द नहीं वो नमक और मिर्च था जो बुलबुल के दिल और जिन्दगी के घावों पर लगाया गया था , और लगाने वाले कोई और नहीं उसके खुद के माँ बाप थे | वो माँ बाप जिनके सपने पूरे करने के लिए बुलबुल ने जी जान लगा दी , प्रतिष्ठित जगह नौकरी करके माँ बाप को समाज में इज्ज़त दिलाई , जिनको अपने जीवनसाथी अपने पति से ऊपर अपनी जिंदगी