एक दिल दो चेहरे

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डिस्क्लेमर:यह कहानी पूरी तरह काल्पनिक है। इसका किसी जीवित या मृत व्यक्ति से कोई संबंध नहीं है। अगर कोई समानता मिलती है तो वह मात्र संयोग है। कहानी का उद्देश्य केवल मनोरंजन है, किसी वर्ग, लिंग या व्यक्ति विशेष को ठेस पहुँचाना नहीं।कुसमी गाँव — एक शांत और हरा-भरा गाँव, जहाँ रिश्तों की मिठास मिट्टी की सोंधी खुशबू की तरह रची-बसी थी।इसी गाँव का एक सीधा-सादा, ईमानदार और मेहनती नौजवान था — उस्मान। और उसी गाँव की पढ़ी-लिखी, सौम्य, खूबसूरत लड़की थी — आयशा।उनकी पहली मुलाकात एक छोटे से कस्बे के कॉलेज की लाइब्रेरी में हुई थी।आयशा की किताबें गिर