राजु और बादल का फोन

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कहानी: “राजु और बादल का फोन” प्रसौनी गाँव के खेत इस बार कुछ उदास दिख रहे थे। चारों ओर सूखा, फटी हुई ज़मीन, और किसान की आँखों में चिंता की लकीरें। इन किसानों में से सबसे ज्यादा बेचैन था राजु। राजु हमेशा अपने खेत को संवारता, समय पर बोआई करता, पर इस बार आसमान ने जैसे मुँह फेर लिया था।रोज सुबह-सुबह राजु बैलगाड़ी से खेत तक जाता। ज़मीन को हाथ में लेकर देखता—“सूख गई मिट्टी। ये धान का पौधा कैसे जिंदा रहेगा?”वह आसमान की ओर देखता और कहता, “हे भगवान! क्या हमसे कुछ गलती हो गई? बरसात भेज दो, वरना फसल