Chapter 6 — सपनों की लड़ाई (The Battle of Dreams)> “सपने सब देखते हैं, लेकिन लड़के... वो अक्सर दो ज़िंदगियाँ जीते हैं — एक जो दिखाते हैं और एक जो सहते हैं।”1. वो सुबह जो हर किसी के लिए एक जैसी नहीं होतीहर सुबह सूरज उगता है, लेकिन कुछ लड़कों के लिए वो सूरज सिर्फ उजाला नहीं लाता, बल्कि साथ लाता है एक नया संघर्ष — कॉलेज का फ़ीस भरने का दबाव, परिवार की उम्मीदें, और समाज का वो असहनीय बोझ जो कहता है — “तू लड़का है, रो नहीं सकता।”अर्जुन भी उनमें से एक था। एक साधारण से गाँव