लड़का होना आसान नहीं होता - भाग 4

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Chapter 4: चुप रहने की मजबूरीक्लास का लास्ट पीरियड था। लड़कों का झुंड एक ही बेंच पर बैठा था — वैसे ही जैसे हर दिन बैठते थे। हँसी-मज़ाक, आवाज़ें, कभी एक-दूसरे को चिढ़ाना, तो कभी टीचर की नकल करना। पर इस शोर के पीछे कुछ चेहरे थे जो हर रोज़ चुप रहते थे। ना कोई शिकायत, ना ही कोई सवाल। वो सिर्फ "हां में सिर हिलाने वाले लड़के थे।"कहानी उन्हीं चुप रहने वालों की है…एक लड़का – नाम था "अंशु"। चेहरे पर हँसी, लेकिन आँखों में नींद की कमी। उसकी आंखें बता रही थीं कि कई रातों से चैन से