किताब: मैं लड़का हूँ, पर पत्थर नहीं अध्याय 2: "रोना मना है" — 'लड़के नहीं रोते' की झूठी सीख--- प्रस्तावना (Emotional Opening)"तू लड़का है...रोने की क्या ज़रूरत?""क्या तू लड़की बन गया है?""मर्द बन! आँसू तुझे शोभा नहीं देते..."कभी किसी ने सोचा है कि"अगर लड़के रो नहीं सकते,तो क्या उनके अंदर दर्द नहीं होता?"क्यों हमारे समाज ने "आँसू" को कमज़ोरी से जोड़ दिया है — और वो भी सिर्फ लड़कों के लिए?इस अध्याय में हम जानेंगे,कि कैसे एक छोटी सी सीख — "लड़के नहीं रोते" —एक लड़के की पूरी ज़िंदगी बदल सकती है।--- आरव की कहानी – एक 13 साल