यह कहानी काल्पनिक है। इसका किसी जीवित या मृत व्यक्ति से कोई संबंध नहीं है। यदि किसी व्यक्ति, स्थान या घटना से कोई समानता मिलती है तो वह मात्र एक संयोग है।"गाँव कुसमी और एक अकेला लड़काउत्तर प्रदेश के एक छोटे-से गाँव कुसमी में एक सीधा-सादा लेकिन दिल का बेहद बड़ा लड़का रहता था – इब्रार। उसकी उम्र कोई 13 साल रही होगी, पर सोच और समझदारी उम्र से कहीं आगे।उसके अब्बू और अम्मी दोनों खेतों में मेहनत-मजदूरी करते थे। घर में और कोई नहीं था। स्कूल से लौटकर इब्रार ज़्यादातर समय अकेले बिताता – कभी खेत में बैठा आकाश