दस कहानियां:_ संतोष चौबे एक अंडररेटेड कथाकार, कवि ------------------------------------------ बहुत समय से मैं सोचता था, चूंकि प्रचलन में था, की कवि, लेखक को गरीब, अभावों और सौ तकलीफों में क्यों होना चाहिए? क्या उसके पास बुद्धि, योग्यता, क्षमता नहीं? क्या विकास और उत्थान करने का उसका हक नहीं? लेकिन एक खास विचारधारा, गुट के लोग बार बार यही स्थापित करते। इतना हास्यास्पद हो गया कि आईएएस, डायरेक्टर, डॉक्टर, प्रोफेसर, बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में लाखों की तनख्वाह आदि भी अपने आपको गांव, कस्बे, अभाव का बताने लगे। फैशन बन गया। उनकी दोयम से भी नीचे दर्जे की रचनाएं गले नहीं उतरे पर