आज फिर कुछ लिखना चाहती हूं। दिल चाहता है कि लिख दूँ। जाने क्या सोते सोते एक ख्याल आया, हमारी भारत मां का ख्याल। जाने कितने वीर समा गए इसकी गोद में। हमेशा के लिए सो गए। किसके लिए हुआ ये सब अपनी इस मां के लिए, जननी के लिए, उसके आत्म- सम्मान की रक्षा के लिए। आज आजादी को इतने बरस बीत गए, पर हम कहा है और क्या कर रहे है, जहां से देखती हूं भारत मां छलनी दिखाई देती हैं। तिरंगा लिपटा हुआ उसके बदन पर तार तार होने लगा है। पर ये हुआ कैसे सोचा किसी