भूल-29 कश्मीरी पंडित बनाम कश्मीरी पंडित कश्मीरी पंडितों (के.पी.) पर अत्याचार करनेवाले खुद कश्मीरी पंडित ही रहे हैं—शेख अब्दुल्ला जैसे धर्मांतरित कश्मीरी पंडित या फिर नेहरू जैसे कश्मीरी पंडित, जिन्होंने सर्वप्रथम तो कश्मीर समस्या को पैदा किया और फिर उसका हल निकालने के बजाय उसे और अधिक जटिल तथा लगभग असाध्य बना दिया। वी. कृष्णा अपनी पुस्तक ‘सरदार वल्लभभाई पटेल’ में लिखते हैं— “नेहरू ने अगस्त 1945 में घाटी के सोपोर में आयोजित नेशनल कॉन्फ्रेंस के राष्ट्रीय सम्मेलन में जो कुछ कहा, उससे अब्दुल्ला के प्रति उनका झुकाव स्पष्ट था, ‘अगर गैर- मुसलमान कश्मीर में रहना चाहते हैं तो उन्हें नेशनल कॉन्फ्रेंस में शामिल