भूल-22 संयुक्त राष्ट्र में जम्मू व कश्मीर के मामले अनाड़ी की तरह सँभालना भारत और पाकिस्तान दोनों ने जनवरी 1948 में संयुक्त राष्ट्र के सामने अपना-अपना पक्ष रखा। भारतीय पक्ष को कश्मीर मामलों के मंत्री गोपालस्वामी आयंगर द्वारा प्रस्तुत किया गया, जिन्हें नेहरू ने इसी काम के लिए मंत्रिमंडल में विशेष रूप से नियुक्त किया था। आयंगर भारतीय दल के अगुवा थे, जिसमें शेख अब्दुल्ला भी शामिल थे। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी प्रतिनिधि चौधरी सर मुहम्मद जफरुल्लाह खाँ (1893-1985) को यह बात पता चली कि भारत का प्रतिनिधित्व गोपालस्वामी आयंगर कर रहे हैं तो उन्होंने चुटकी ली, “क्या आप कश्मीर को मुझे