भूल-21 कश्मीर मसले का अंतरराष्ट्रीयकरण नेहरू ने जम्मूव कश्मीर के मसले को संयुक्त राष्ट्र में ले जाकर उस मुद्दे का अनावश्यक रूप से अंतरराष्ट्रीयकरण कर दिया, जो पूर्ण रूप से एक आंतरिक मुद्दा था। उन्होंने ऐसा एक बार फिर ब्रिटिश माउंटबेटन के प्रभाव में आकर ही किया था। वी. शंकर ने ‘माय रेमिनिसेंसिस अॉफ सरदार पटेल’, भाग-1 में लिखा— “माउंटबेटन ने नेहरू को एक प्रसारण करने के लिए राजी किया, जिसमें उन्हें यह घोषणा करनी थी कि विलय संयुक्त राष्ट्र के तत्त्वावधान में एक जनमत-संग्रह के अधीन होगा। इसके लिए 28 अक्तूबर (1947) को रात्रि 8.30 बजे का समय निर्धारित किया गया। सरदार