भूल-19 कश्मीर को लगभग खो ही दिया था 22 अक्तूबर, 1947 तक पाकिस्तानी हमलावर लगभग श्रीनगर के बाहरी क्षेत्रों तक पहुँच चुके थे और महाराजा ने निराशाभरी बेसब्री से भारत से मदद माँगी। अनिश्चितता की स्थिति को देखते हुए सरदार पटेल ने जम्मूव कश्मीर में भारतीय सेना को भेजने का प्रस्ताव रखा। हालाँकि माउंटबेटन ने इस बात पर जोर दिया कि जब तक जम्मूव कश्मीर द्वारा भारत के पक्ष में विलय के पत्र पर हस्ताक्षर नहीं हो जाते (नेहरू पूर्व में ही इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर चुके थे (भूल#18) और इसकी सबसे अधिक संभावना है कि उन्होंने ऐसा माउंटबेटन के उकसाने