भूल-11स्वतंत्रता पूर्व वंशवाद को बढ़ावा जवाहरलाल नेहरू की वंशवादी प्रवृत्तियाँ, जो उन्हें अपने पिता मोतीलाल से विरासत में मिली थीं, उनके प्रधानमंत्री बनने से काफी समय पहले, 1930 के दशक में ही, दिखाई देने लगी थीं। वर्ष 1937 के चुनावों के बाद जब यू.पी. में मंत्रालय तैयार किया जा रहा था तो गोविंद बल्लभ पंत (जो मुख्यमंत्री बने) और रफी अहमद किदवई ने नेहरू से श्रीमती विजयलक्ष्मी पंडित (नेहरू की बहन) को मंत्रालय में शामिल करने का प्रस्ताव रखा, जिसे नेहरू ने बड़ी सहजता के साथ स्वीकार कर लिया। आखिर उन्होंने ऐसा क्यों किया? इसलिए नहीं कि वे विजयलक्ष्मी को इस पद