मैं हूं – एक भ्रम की कथा

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प्रस्तावित शीर्षक: “मैं हूं – एक भ्रम की कथा” (उपशीर्षक: ईश्वर, आत्मा और मानव की मालिकी का रहस्य) ️ प्रारंभिक भूमिका (भूमिका शैली में): “ईश्वर को खोजने की कोई ज़रूरत नहीं है — सिर्फ़ यह भ्रम गिरा दो कि ‘मैं हूं’। जब ‘मैं’ गिरता है — ईश्वर प्रकट हो जाता है। कोई नया नहीं मिला, केवल पर्दा हट गया।” प्रथम संदेश / टर्म नोटिस **"यह विचार, संदेश, और चिंतन केवल उनके लिए है, जो संसार की सामान्य सीमाओं से आगे अदृश्य जगत, आत्मा, ब्रह्म, जीवन रहस्य, और आध्यात्मिक अनुभवों की गहरी प्यास रखते हैं। ये शब्द–सार