अगली सुबह अभिमान आईने के सामने खड़ा था।ब्लैक कॉलर वाली टी-शर्ट, ब्लू जीन्स, दाहिने हाथ में घड़ी, और बालों को एकदम परफेक्ट तरीके से सेट करते हुए उसने खुद को आईने में देखा और मुस्कुराकर बोला—"अभिमान... तू आज वाक़ई बहुत हैंडसम लग रहा है यार..."...और फिर खुद ही शर्म से झेंप गया।वो बाहर निकला, साड़ियों को पार करते हुए अपनी घड़ी बांध ही रहा था कि तभी सरस्वती जी ने हँसते हुए चुटकी ली—"बेटा, कहाँ बिजली गिराने जा रहे हो आज?"अभिमान मन ही मन मुस्कुरा उठा, "जिस पर गिरनी थी... वो तो कब की गिर चुकी..."बात बदलते हुए बोला,"माँ... भूख लगी