(ललिता राठौड़ रिया को आदित्य की बहू बनाना चाहती है और रिश्ते की बात लेकर डोगरा हाउस जाती है, पर कुमुद रिया की पढ़ाई का हवाला देकर मना कर देती है। ललिता अपमानित महसूस करती है और बदले की भावना से प्रिया के लिए कुणाल का रिश्ता तय करने की योजना बनाती है। बिन्नी की मदद से वह जानती है कि प्रिया लंगड़ाकर चलती है, लेकिन रिया नहीं। ललिता कुटिलता से प्रिया की शादी कुणाल से कराने का निर्णय लेती है। कुणाल मां की मंजूरी से खुश होता है, अनजान कि वह सिर्फ एक मोहरा बन रहा है उसकी मां