लाल बैग - 2

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Chapter 2: रहस्य की पहली दस्तकघर की छत पर चांदनी उतर चुकी थी, लेकिन हवाओं में एक अजीब सिहरन थी। सब लोग थक चुके थे। एक लंबी भागदौड़ और डर के बाद अब वे सब राज के कमरे में बैठे थे। सिर्फ रोमि को छोड़कर।कमरे के बीचों-बीच रखा लाल बैग, अब भी उतना ही चमकदार दिख रहा था, लेकिन उसका वज़न सिर्फ पैसों का नहीं था — उसमें अब कोई अनदेखा मौत भी बंद थी।राज दीवार से टिककर बैठा था, उसकी आंखें लाल थीं और वो बार-बार अपने हाथ-पैर खुजा रहा था।"राज, तुम ठीक हो?" रोज़ ने झुककर पूछा।"तुम नहा