AAge Doesn’t Matter in Love अगली सुबह…सरस्वती जी ने हाथ से बनी ताज़ी पेस्ट्री एक प्यारे से बॉक्स में पैक की और अभिमान को देते हुए प्यार से कहा,“ले जा बेटा, बना दी है… वही तीस रुपये वाली जो तुझे पसंद है।”अभिमान ने बिना कोई प्रतिक्रिया दिए बॉक्स पकड़ा और चुपचाप नाश्ते की टेबल पर बैठ गया। उसकी आंखों में अब भी कुछ अटका था… कुछ जो उसके दिल को बेचैन किए जा रहा था।“आई लव यू, मिस्टर एंग्री यंग मैन…”आन्या की आवाज़ उसकी यादों में गूंज रही थी।उसने गहरी सांस ली, आँखें बंद कीं, और जैसे ही आंखें खोलीं