गुनाहों की सजा - भाग 5

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रीतेश अपनी माँ की हर बात मानता था और उन्हीं के कहने से उसने माही पर हाथ उठाया था। अपनी इस जीत से खुश होकर शोभा ने मुस्कुरा कर माही की तरफ़ देखकर कहा, "कल से सुबह सात बजे तक टिफिन और नाश्ता सब तैयार हो जाना चाहिए।" माही का मन कर रहा था कि इसी वक़्त वह अपना सूटकेस लेकर वहाँ से निकल जाए, परंतु उसने ऐसा नहीं किया। उसने सोचा एक बार उसे और कोशिश करनी चाहिए, यह शादी कोई मज़ाक नहीं है। वह सोच रही थी कि उसे भी तो ऑफिस जाना है। सिर्फ़ एक हफ्ते की