भाग 1: बचपन की वो गलियाँबनारस की तंग गलियों में एक पुराना मोहल्ला था – जहाँ हर घर एक-दूसरे के दुख-सुख में शामिल रहता था। यहीं रहती थी दीप्ति, एक नटखट, तेज़-तर्रार लड़की, और सामने वाले मकान में था चंदन, थोड़ा चुपचाप, पर दिल का बहुत साफ़ लड़का।दोनों की उम्र करीब 8-9 साल थी। स्कूल साथ का था, किताबें एक-दूसरे से बदल लेते थे, और छुट्टियों में पतंगें उड़ाया करते थे।अरे चंदन! आज फिर तूने मेरी पतंग काट दी ना?""मैंने नहीं, हवा ने काटी!" – चंदन हँसते हुए भाग जाता।धीरे-धीरे ये शरारतें गहरी दोस्ती में बदल गईं। मोहल्ले में सब