एक कोआ एक अंगुठी योगी के पैरों के पास रख देता है और योगी उसको उठकर अपनी उंगली में पहन लेता है।मगर उसे बड़ा आश्चर्य होता है कि जब वह अंगूठी पहनते ही कौए को ये कहते हुए सुनता है।ऐ मिहरबान बड़े योगी ! आज आप ने मेरी जान बचाई है।और सब चिड़ियों और जानवरों पर आप हमेशा बड़ी मिहरबानी करते हैं।इसलिए ये अंगुठी मै आपको भेंट करता हूं इसे कबूल किजिए। ये मुंदरी जादु की है।और इस मे यह तासीर है कि जो कोई इसे पहनता है सब चिड़ियों की बोली समझ सकता है और उन्हें जिस काम का