एक गाँव, एक भूखा पिता, एक सौतेली माँ... और दो मासूम बच्चे — बिरजू और फुलवा। जब पिता को "मांस" की भूख लगती है, तो सौतेली माँ एक ऐसा निर्णय लेती है, जो भाई-बहन की दुनिया हमेशा के लिए बदल देता है। बिरजू की गायबियों के बाद, फुलवा एक उंगली को पहचानती है... और यहीं से कहानी बदलती है। एक बर्तन में भाई की सब्जी को दफ़न करके बहन माँगती है — "भगवान, मेरा भाई फिर लौट आए..." और... वो लौट आता है। एक हरियाली तोते के रूप में। अब वो भाई, परिंदा बनकर उड़ रहा है — बदला लेकर, बहन के लिए तोहफे लेकर, और एक ऐसा दर्द छुपाकर... जो कभी बोला नहीं जा सकता। यह कहानी है प्रेम, बलिदान और पुनर्जन्म की। "मा ने काटा, बाप ने खाया, बहन धड़धड़ रो पड़ी, मैं हरियाली तोता बन बैठा..."