यह कोई काल्पनिक कहानी नहीं है। ये कहानी मैंने अपने अनुभव से लिखी, जो मैं महसूस करती हूँ। एक ऐसी जगह जहां मैं खुद से मिलती हूं। "छत का एक कोना"मेरे लिए सबसे खास जगह न कोई आलिशान कमरा है,न कोई डिजिटल प्लेटफॉर्म, और न ही कोई फूलों से भरा बगीचा।मेरे लिए सबसे ज्यादा मायने रखता है तो वो है मेरी छत का एक कोना। जहाँ मैं खुद को सबसे ज़्यादा महसूस करती हूँ —बिना किसी डर के, बिना किसी शोर के — बस अकेली, और मैं।यह जगह किसी को दिखती नहीं , शायद कोई उस ओर ध्यान से देखता भी