सभी मित्रों को स्नेहिल नमस्कार आशा है सभी आनंद में हैं। जीवन की गति हम न जाने, जो होना है, होना ही है। हम यदि समझें केवल प्रेम को, सभी समाधान पा जाएं। हम सब ही इससे तो परिचित हैं ही हैं कि संसार का हर एक व्यक्ति तीन नियमों से बंधा हुआ है। एक दिन हम दुनिया में आए थे, अभी जीवित हैं और एक दिन दुनिया से जाना है। आना और जाने का समय तो निश्चित है ही,बस बीच के समय को कैसे जीना है ये हमें चुनना है। क्या सही है क्या गलत?