हार से जीत तक – एक सफर

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"सपनों का रास्ता कभी सीधा नहीं होता, लेकिन चलने वाले रुकते नहीं।"       यह कहानी है अंकित की — एक छोटे शहर के साधारण लड़के की, जिसकी आंखों में बड़े सपने थे लेकिन जेब में कुछ भी नहीं। पढ़ाई में अच्छा था, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि Coaching या बड़े Colleges का सपना देख सके।   12वीं के बाद वह दिन में मजदूरी करता और रात में स्ट्रीट लाइट के नीचे बैठकर पढ़ता। लोग हँसते थे, कहते थे – "तू क्या IAS बनेगा?" लेकिन अंकित के कान उन बातों से बंद थे और आंखें