गुनाहों की सजा - भाग 4

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अपनी सासू माँ के इस तरह के कटु वचन सुनकर आँखों में आंसू लिए माही ने रीतेश की तरफ़ देखा तो उसने नज़र फेर ली। नताशा भी गुस्से में उठकर खड़ी हो गई और कहा, "मम्मी, मुझे नहीं करना नाश्ता, मुझे कॉलेज के लिए देर हो रही है। भाभी से कह दो कल से जल्दी नाश्ता तैयार करें।" विनय ने माही को घूरते हुए कहा, "अब जल्दी नताशा से माफ़ी मांगो वरना वह सच में भूखी ही चली जाएगी।" माही ने बिना कुछ कहे, बिना देर लगाए कहा, "नताशा, सॉरी, मैं कल से और जल्दी उठ जाऊंगी। प्लीज, तुम बिना