एपिसोड 22 – जब साज़ ने सुर छेड़े---1. एक सुबह – और अजीब सी खिंचावनैना चाय बनाते हुए किसी पुराने गाने की धुन गुनगुना रही थी:> “तेरे बिना ज़िंदगी से कोई… शिकवा तो नहीं…”उसने खुद भी महसूस किया —उसकी आवाज़ में कुछ बदल रहा था।जैसे कोई भीतर बैठा सुर हल्के-हल्के साँस ले रहा हो।आरव ने सुनते ही रुककर कहा:"तुम्हारी आवाज़… आज बहुत अलग सी लगी।"नैना मुस्कराई:"शायद कुछ पुराने राग जाग गए हैं…"---2. पुराने बक्से – और दबी हुई डायरीदोपहर में अलमारी की सफाई करते हुएनैना को एक पुराना बक्सा मिला।उसमें उसकी कॉलेज की डायरी थी।डायरी का पहला पन्ना:> "अगर