पहली नज़र की खामोशी - 20

एपिसोड 20 – जब सपना चलने लगा- - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - - -1. रात का सन्नाटा – और धीमी साँसेंवो रात किसी आम रात जैसी नहीं थी।बाहर हवाएँ हल्की-सी ठंडी थीं,चाँद बादलों में छुप-छुपकर झाँक रहा था।नैना बिस्तर पर लेटी थी।उसका हाथ अपने पेट पर रखा था।आरव उसके पास लेटा, धीरे-धीरे साँसों की लय में खोया था।लेकिन नैना की आँखें खुली थीं —जैसे कोई आने वाले कल की दस्तक सुन रही हो।---2. पहली नींद – और पहला सपनाधीरे-धीरे नैना